Monday, September 4, 2017

एक ज्वलंत प्रश्न!


एक ज्वलंत प्रश्न !
दुष्कर्म और कुकर्म के खिलाफ
 सामूहिक आवाज कब उठेगी ?
 कृत्रिम मिथक अब टूट जाने चाहिए
 आखिर कबतक सताते रहेंगें !

क्या शारीरिक सौन्दर्य ही
उसकी सबसे बड़ी पूंजी है ?
क्या वह सिर्फ और सिर्फ
वस्तु  बनके रह गयी
का हे की आधुनिकता !

शक्तिरूपा का केवल गुणगान
अब नहीं करना
व्यवहार में हस्ती का निर्माण
कब होगा ?
समाज के सामने एक ज्वलंत प्रश्न !

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