Monday, March 17, 2014

एक अनजान आदमी नदी की धारा के साथ बहता हुआ कल्पनातीत ख्यालों में डूबा लहरों से बातें करता हुआ थपेड़ों को चीरता चला जा रहा है ! अचानक कुछ सकुचाता हुआ लहरों को छू लिया अब व्यग्र हो सोच रहा कहीं लहरें मैली तो नहीं हो गयी उसके स्पर्श से !

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