Thursday, August 1, 2013

एक ज्वलंत प्रश्न !

दुष्कर्म और कुकर्म के खिलाफ
 सामूहिक आवाज कब उठेगी ?
 कृत्रिम मिथक अब टूट जाने चाहिए
 आखिर कबतक सताते रहेंगें !

क्या शारीरिक सौन्दर्य ही 
उसकी सबसे बड़ी पूंजी है ?
क्या वह सिर्फ और सिर्फ 
वस्तु  बनके रह गयी 
का हे की आधुनिकता !

शक्तिरूपा का केवल गुणगान 
अब नहीं करना 
व्यवहार में हस्ती का निर्माण 
कब होगा ?
समाज के सामने एक ज्वलंत प्रश्न !


7 comments:

  1. कथनी और करनी का अंतर आखिर कब तक.... गहरी बात कही

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  2. Ab ek aur Gandhi ji to hame milne wale nahi......hamhe logon mese kisiko ye kary karna hoga!

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  3. सच कहा कब तक दिखावे का सम्मान … कब बदलेगा ये समाज???

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  4. कब तक? कब बदलेगी हमारी सोच?

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  5. पता नहीं ... कब बदलेगी हमारी सोच?

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  6. ये प्रश्न पूरे समाज से नहीं बस पुरुष समाज से होना चाहिए ... कब वो अपनी पुरुष सत्ता के मद से जागेंगे ...

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  7. बहुत बढ़िया सवाल किया है....उम्मीद है कभी तो सब सोचें इस पर.

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